मर्यादा की वेदी – मुंशी प्रेमचंद ( Maryada ki Vedi – Munshi Premchand) Part 2
मर्यादा की वेदी – मुंशी प्रेमचंद ( Maryada ki Vedi – Munshi Premchand) Part 2 5 दस बजे रात का समय था। रणछोड़ जी के मन्दिर में कीर्तन समाप्त हो चुका था और वैष्णव साधु बैठे हुए प्रसाद पा रहे थे। मीरा स्वयं अपने हाथ से थाल ला-ला कर उनके आगे रखती थी। साधुओं और … Continue reading मर्यादा की वेदी – मुंशी प्रेमचंद ( Maryada ki Vedi – Munshi Premchand) Part 2
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